सत
फाउंडेशन के
सोजन्य से
आज दिनाक
01 /03/2015 को M.D.D बाल
भवन (अनाथ आश्रम ) फूसगढ़ (करनाल ) में
होली पवित्र
पर्व पर जागरूकता
कार्यंकर्म किया
गया जिसमे
मुख्य अतिथि
के रूप
में
श्री अमरेन्द्र सिंह
ओ. अस.
डी. to मुख्यामंत्री हरियाणा व
श्री शेर
सिंह जी
जेल सुपरिटेंडेंट करनाल व सत फाउंडेशन
के चेयरमैन
सतेन्द्र कुमार ,ईश्वर सिंह,सुमेर चन्द
, डायरेक्टर मनोज कुमार व
दीपक कुमार व
सेक्रटरी
भविष्य साहनी, नरेन्द्र
कुमार, विरेन्दर,अनिल , हँस कुमार, व
M.D.D बाल भवन
(अनाथ आश्रम
) के चेयरमैन
पी. आर
.नाथ व
सभी बच्चे और
सभी टीम
मेम्बर व सभी
गणमान्य व्यक्तियों ने
मिलकर होली
के पवित्र
पर्व पर जागरूकता
कार्यंकर्म में
भाग लिया.
होली पर्व को मनाने का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण ही है होली पर्व के पीछे तमाम धार्मिक मान्यताएं, परम्पराएं और ऐतिहासिक घटनाएं छुपी हुई हैं पर अंतत: इस पर्व का मुख्य उद्देश्य मानव–कल्याण ही है। लोकसंगीत, नृत्य, नाट्य, लोककथाओं, क़िस्से–कहानियों और यहाँ तक कि मुहावरों में भी होली के पीछे छिपे संस्कारों, मान्यताओं व दिलचस्प पहलुओं की झलक मिलती है। होली को आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक माना जाता है। होली हमें सभी मतभेदों को भुलाकर एक–दूसरे को गले लगाने की प्रेरणा प्रदान करती है। इसके साथ ही रंगो का त्यौहार होने के कारण भी होली हमें प्रसन्न रहने की प्रेरणा देती है इसलिए इस पवित्र पर्व के अवसर पर हमें ईर्ष्या, द्वेष, कलह आदि बुराइयों को दूर भगाना चाहिए। वास्तव में हमारे द्वारा होली का त्यौहार मनाना तभी सार्थक होगा जब हम इसके वास्तविक महत्व को समझकर उसके अनुसार आचरण करें। इसलिए वर्तमान परिवेश में जरूरत है कि इस पवित्र त्यौहार पर आडम्बर की बजाय इसके पीछे छुपे हुए संस्कारों और जीवन मूल्यों को अहमियत दी जाए तभी व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र सभी का कल्याण होगा।
होली पर्व को मनाने का मुख्य उद्देश्य मानव कल्याण ही है होली पर्व के पीछे तमाम धार्मिक मान्यताएं, परम्पराएं और ऐतिहासिक घटनाएं छुपी हुई हैं पर अंतत: इस पर्व का मुख्य उद्देश्य मानव–कल्याण ही है। लोकसंगीत, नृत्य, नाट्य, लोककथाओं, क़िस्से–कहानियों और यहाँ तक कि मुहावरों में भी होली के पीछे छिपे संस्कारों, मान्यताओं व दिलचस्प पहलुओं की झलक मिलती है। होली को आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक माना जाता है। होली हमें सभी मतभेदों को भुलाकर एक–दूसरे को गले लगाने की प्रेरणा प्रदान करती है। इसके साथ ही रंगो का त्यौहार होने के कारण भी होली हमें प्रसन्न रहने की प्रेरणा देती है इसलिए इस पवित्र पर्व के अवसर पर हमें ईर्ष्या, द्वेष, कलह आदि बुराइयों को दूर भगाना चाहिए। वास्तव में हमारे द्वारा होली का त्यौहार मनाना तभी सार्थक होगा जब हम इसके वास्तविक महत्व को समझकर उसके अनुसार आचरण करें। इसलिए वर्तमान परिवेश में जरूरत है कि इस पवित्र त्यौहार पर आडम्बर की बजाय इसके पीछे छुपे हुए संस्कारों और जीवन मूल्यों को अहमियत दी जाए तभी व्यक्ति, परिवार, समाज और राष्ट्र सभी का कल्याण होगा।