शरणागति

शरणागति

 आर्तभाव से *हे मेरे दाता ! हे मेरे मालिक ! बचाओ ! बचाओ !! बचाओ !!!* ऐसे सत् करतार को पुकारना चाहिये; क्योंकि वे मेरे अपने स्वामी हैं, मेरे सर्व समर्थ सत् करतार हैं तो अब मैं चिन्ता क्यों करूँ ? और सत् करतार ने भी कह दिया है कि *तू चिन्ता मत कर* । इस वास्ते मैं निश्चिन्त हूँ - ऐसा कह कर मन से सत् करतार के चरणों में गिर जाओ और निश्चिन्त होकर सत् करतार से कह दो - *हे सिरजनहार ! यह सब आपके हाथ की बात है, आप जानो* ।